यह महीला सड़कों पर अचार बेचती थी, आज करोड़ो की मालकिन हैं जानिए सफलता की कहानी

कृष्णा यादव: आज हम बात करने वाले है कृष्णा यादव की जो महिला सड़कों पर अचार बेचती थी और आज करोड़ो की मालिक हैं कई बार हमारे पास बहुत सारी सुविधाएं होती है फिर भी हम कुछ नहीं कर पाते लेकिन एक ऐसी ही शख्सियत हैं यूपी की कृष्णा यादव करीब 20 साल पहले कृष्णा यादव के पतीने ट्रांसपोर्ट का बिज़नेस सुरू किया था लेकिन ये बिज़नेस चल नही पाया हालात ऐसे हो गए कि जिस घर में रह रहे हैं उस घर को ही बेचना पड़ा कृष्णा और अपने पत्ती अपने 3 बचे को लेकर बुलंदशहर छोड़ कर दिल्ली जानेका सोच रहे थे

Krishna Yadav Success Story

कृष्णा ने तय कर लिया था कि उससे जीवन में कुछ ऐसा करना है कि लोगों के लिए मिसाल बन जाए कृष्णा और उनके पति किसान से परिवार के थे कृष्णा ने किराए की जमीन लेकर उसमें सीजनल सब्जियां उगाना शुरू किया इससे थोड़ी बहुत कमाई तो शुरू हुई लेकिन कई बार सब्जियां इतनी होती थी की रखे रखे खराब तक हो जाती थी

दूरदर्शन से आईडिया आया: 1 दिन कृष्णा ने दूरदर्शन पर किसानों की आय बढ़ाने के तरीकों पर आधारित एक प्रोग्राम देखा इस प्रोग्राम के जरिए उन्होंने अचार बनाने के प्रोसेस के बारेमे पता चला शुरुआत में कृष्णा ने 2 किलो अचार बनाया और जब कृष्ण के पति यह अचार दुकानों पर ले कर गए यह अचार दुकानों पर लेकर गए तो दुकानदारों ने खुला अचार खरीदने से इंकार कर दिया इसके बाद कृष्णा ने तय किया कि वह खेत के पास ही स्टॉल लगाकर सब्जियां और अचार बेचेंगी

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धीरे-धीरे उनका अचार बनाया हुआ लोगों को पसंद आने लगा और उन्हें ऑर्डर भी मिलने लगे और इसके बाद कृष्णा ने फ़ूड डिपार्टमेंट में लाइसेंस के लिए अप्लाई किया और लाइसेंस मिलने के बाद श्री कृष्णा Pickles की शुरुआत हुई आज कृष्णा की चार कंपनियां है इनमें दो हरियाणा में और दो दिल्ली में है

आज कृष्णा की कंपनियों का टर्नओवर 4 करोड रुपए से भी ज्यादा है कृष्णा यादव को भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की और से साल 2015 के नारी शक्ति सम्मान मिला है इससे पहले साल 2014 में हरियाणा सरकार ने कृष्णा को राज की पहेली चैंपियन महीला अवार्ड से सम्मानित किया था

सितंबर 2013 में वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें किसान सम्मान से नवाजा था वहीं साल 2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति Pratibha Patil एक कार्यक्रम के दौरान कृष्णा को बुलाकर उनकी सफलता की कहानी सुनी थी

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