अब आ गया गर्मी से बचने का रामबाण इलाज, जानिए मिटटी से बने AC के बारे में
इस भयानक गर्मी से बचने के लिए नहीं पड़ेगी जरूरत महंगे ऐसी की और ना ही बिजली से चलने वाले कूलर की क्योंकि अब आ गया है मिट्टी का एसी हालांकि यह एसी मशीन जितनी ठंडक नहीं दे सकता है लेकिन यह आपके साथ-साथ पर्यावरण की भी सहायता कर सकता है मॉडर्न एसी के कारण ओजोन लेयर को भारी नुकसान उठाना पड़ता है लेकिन अगर हम मॉडर्न इसी का प्रयोग ना करके या उसका प्रयोग कम से कम करके, उसकी जगह मिट्टी का एसी उपयोग में लाएंगे तो यह वातावरण के लिए सुरक्षित साबित होगा

इस विचित्र एसी को टेराकोटा कूलर कहते हैं क्योंकि इसको बनाने में टेराकोटा मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है ।गीली मिट्टी की ठंडक आराम दायक होती है। एसएससी का आकार मधुमक्खी के छाते के समान होता है जिसकी वजह से इसे “बि हाईव एसी” के नाम से भी बुलाया जाता है ।
2015 में पहला टेराकोटा ऐसी बनाया गया था इसको बनाने में दिल्ली के आर्किटेक्ट मोनीष सिरीपुरापू और उनके सहायकों का हाथ है। लोगों को गर्मी से बचाने के लिए इन लोगों ने यह ऐसी एक फैक्ट्री के मजदूरों के लिए बनाया थाजो उस फैक्ट्री की तेज गर्मी में काम कर रहे थे उस फैक्ट्री का तापमान इतना ज्यादा था की वहां 10 मिनट ही खड़े रहना बहुत मुश्किल हो रहा था और ऐसे में वे मजदूर वहां काम कर रहे थे तो उन मजदूरों के लिए यह आविष्कार बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ
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मिट्टी के एसी में और मॉडल एसी में एक अंतर यह भी है के मॉडर्न एसी कमरे को ठंडा करता है परंतु वातावरण को गर्म कर देता है , वहीं दूसरी ओर मिट्टी के एसी में ऐसा कुछ नहीं होता वह वातावरण एवं कमरे दोनों का तापमान समान बनाए रखता है, यह इस 6 से 7 डिग्री तक तापमान गिरा देता है। इसकी वजह से पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है और गर्मी से भी छुटकारा मिल जाता है पर्यावरण के लिए यह एक बहुत महत्वपूर्ण आविष्कार साबित हुआ है
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