मध्यपाषाण काल के स्रोत के बारे में जानकारी

मध्यपाषाण काल के स्रोत

मध्यपाषाण काल के स्रोत के बारे में विस्तृत जानकारी निम्नलिखित है

मध्यपाषाण काल के स्रोत के बारे में जानकारी

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(1) संभलपुर- उड़ीसा राज्य के मध्यम में स्थित संभलपुर खुद एक जिला है जो मध्यपाषाण कालीन संयंत्रों के प्रमाणों से परिपूर्ण है उस स्थान से प्राकृतिक शैलाश्रयों और उसमें खुदे हुए रेखाचित्र प्रसुर मात्रा में प्राप्त हुए हैं

(2) सुंदरगढ- यह एक उड़ीसा का शहर है यह एक प्रमुख मध्य पाषाणकालीन स्थल है यहां से मानव के द्वारा प्रयुक्त औजार और मानव निवास के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं

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(3)- आदमगढ़- यह स्थल मध्य प्रदेश राज्य के होशंगाबाद जिले में स्थित है बागोर की तरह यहां से भी पशुपालन के आरंभिक साक्ष्य प्राप्त हुए हैं एक मध्यपाषाणकालीन स्थल है

आदमगढ़ की पहाड़ियों से आवास और शैल चित्रकला के प्रमाण मिले हैं

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(4) लंघनाज- लंघनाज गुजरात के मेहसाना जिले में स्थित है। लंघनाज से मध्यपाषाणकालीन जंगली जानवरों की हड्डियों मिली है ऐतिहासिक पिंपलेश्वर महादेव मंदिर यहां से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर है

(5) चंद्रावती- चंद्रावती दक्षिणी राजस्थान में गुजरात की सीमा पर स्थित है यह मध्य पाषाण कालीन स्थल है यहां से एक चर्ट पत्थर प्राप्त हुआ है जिस पर रेखा चित्र बना हुआ  है।

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(6) कोल्डिहवा – इलाहाबाद के दक्षिण पश्चिम में मेजा तहसील के पास स्थित है यहां से 6000 ईसवी पूर्व में ही चावल उपजाया  जाता था। कोल्डिहवा से डोरी छाप मृदभांड पाए गए हैं। यहां से हस्तनिर्मित मृदभांड और निवास के लिए झोपड़ियों के साक्ष्य भी प्राप्त हुए हैं।

(7) – चोपानी मांडो- यह एक मध्यपाषाणकालीन स्थल है जो इलाहाबाद के पास मेजा तालुके में स्थित है। यहां से हमें हस्तनिर्मित मृदभांड प्राप्त हुए हैं। और यहां से अनेक लघु पाषण से निर्मित उपकरण भी मिले हैं यहां से नवपाषाणकालीन चरण की ओर संक्रमण के प्रमाण है  भी प्राप्त हुए हैं।

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(8)- महादहा- यह स्थल उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में स्थित है एक मध्यपाषाणकालीन स्थल है यहां से हमें मानव के स्थायी निवास से संबंधित स्तंभ गर्त के साक्ष्य मिले हैं यहां से पशुओं के सींग से निर्मित एक कंठाहार पाया गया है जो मध्यपाषाणकालीन लोगों की कलाप्रियता को प्रदर्शित करता है।

(9)- बागोर- बागोर एक प्रमुख मध्यपाषाणकालीन स्थल है। बागोर राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में स्थित है यहां से पशुपालन के प्राचीनतम साक्ष्य मिले हैं इसका समय 5000 ईसवी पूर्व हो सकता है। यह मध्य पाषाण काल का सबसे बड़ा स्थल है और यहां से मध्यपाषाण संस्कृति की तीन अवस्था पाई गई है।

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(10)- सराय नाहर राय- यह एक मध्यपाषाणकालीन स्थल है यह उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में स्थित है यहां से स्तंभ गर्त के साक्ष्य प्राप्त हुए  हैं जिससे पता चलता है कि यहां के लोग स्थायी रूप से निर्मित आवासों में निवास करते थे। यहां से कुछ सूक्ष्म पाषाण औजार भी प्राप्त हुए हैं।

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