भारतीय पुनर्जागरण के कारण और उनकी व्याख्या
भारतीय पुनर्जागरण के कारण
भारतीय पुनर्जागरण के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
🔥 Whatsapp Group | 👉 यहाँ क्लिक करे |
19वीं शताब्दी में जब पाश्चात्य संस्कृति और शिक्षा से भारतीयों का संपर्क हुआ। तब भारतीय समाज को भी परिष्कृत करने तथा नया धार्मिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण विकसित करने के प्रयास प्रारंभ हुए। इन प्रयासों के फलस्वरूप संपूर्ण भारतीय जीवन में नई चेतना की लहर उत्पन्न हो गई । राजा राममोहन राय, स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद आदि ने हिंदू धर्म, समाज और संस्कृति में सुधार लाने हेतु जबरदस्त आंदोलन छेड़ा। इस पुनर्जागरण के मूल में अनेक कारण थे जो इस प्रकार हैं-
(1) भारतीय समाज और धर्म में दोष- भारतीय समाज और धर्म में अनेक दोष उत्पन्न हो गए थे। भारतीय समाज अंधविश्वासों के गर्त में डूब गया था मूर्ति पूजा, बहुदेववाद, जादू-टोने स्त्रियों की दुर्दशा, जातीय बंधन, संकीर्ण दृष्टिकोण तथा अन्य दोषों के कारण भारतीय समाज खोखला होता जा रहा था।
🔥 Whatsapp Group | 👉 यहाँ क्लिक करे |
(2) पाश्चात्य शिक्षा का प्रभाव- अंग्रेजी शिक्षा के कारण ही भारतीय नवयुवकों के दृष्टिकोण में परिवर्तन आया। पाश्चात्य शिक्षा के द्वारा ही यूरोपीय विज्ञान, दर्शन और साहित्य का अध्ययन हमारा देश में प्रारंभ हुआ। भारतीय यूरोप की उदारवादी विचारधारा से प्रसिद्ध हुए, जिससे उनकी सदियों की मोह निद्रा भंग हुई। अब विचारों की शिथिलता प्रगति में बदलाव आया। परंपरागत रीति रिवाजों के अंधानुकरण का वे विरोध करने लगे।
(3) भारतीय समाचार पत्रों का योगदान- भारतीय समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, साहित्य आदि ने भी धर्म एवं समाज सुधार आंदोलन में सहयोग प्रदान किया। भारत में पहला अंग्रेजी भाषा में समाचार पत्र 1816 इस्वी में ‘बंगाल गजट’ के नाम से प्रकाशित हुआ। तत्पश्चात बंगाली भाषा में ‘दिग्दर्शन’ तथा ‘समाचार दर्पण’ 1818 में प्रकाशित हुए।1821 ईस्वी में राजा राममोहन राय ने साप्ताहिक ‘संवाद कौमुदी’ प्रकाशित किया जिसमें अनेक धार्मिक और सामाजिक विचार प्रकाशित होते थे उन्होंने 1822 में फारसी भाषा में साप्ताहिक ‘मिरात उल अखबार’ तथा अंग्रेजी में ‘ब्राह्मनिकल’ मैगनीज निकालना शुरू किया। इन समाचार पत्र के माध्यम से भारतीयों ने सामाजिक और धार्मिक समस्याओं पर विचार-विमर्श करना शुरू कर दिया। इन समाचार पत्रों में यह भी मत व्यक्त किया जाता था कि अंग्रेजी साम्राज्य भारतीय जनता को नैतिक, आर्थिक और मानसिक पतन की ओर ले जा रहा हैं। इनके कारणों से लोगों में आत्मसम्मान की सुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई और उन्होंने अपने समाज, देश और धर्म की रक्षा करने के प्रयास को गंभीरता से प्रारंभ किया।
🔥 Whatsapp Group | 👉 यहाँ क्लिक करे |
(4) पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव- बंगाल की एशियाटिक सोसाइटी ने पुनर्जागरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह सोसाइटी के तत्वाधान में प्राचीन भारतीय ग्रंथों तथा यूरोपीय साहित्य का भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुआ।पाश्चात्य विद्वानों ने बताया कि भारतीय साहित्य विश्व सभ्यता की अमूल्य निधियों हैं।
(5) एशियाटिक सोसायटी बंगाल के कार्य- भारत में अंग्रेजों के आने जाने के साथ-साथ पश्चिमी सभ्यता का भी आगमन हुआ। यह संपर्क ऐसे समय हुआ जब यूरोप के विचारों का बुद्धिवाद और व्यक्तिवाद आधिपत्य जमाए हुए था। गसका प्रभाव यह पड़ा कि अंग्रेजी पढ़े-लिखे लोगों के लिए पाश्चात्य सभ्यता आदर्श बन गई।
🔥 Whatsapp Group | 👉 यहाँ क्लिक करे |
🔥 Whatsapp Group | 👉 यहाँ क्लिक करे |

- 100₹ से कम: शेयर में तेजी का मौका
- IBPS RRB PO EXAM 2023: हर शिफ्ट का विश्लेषण
- PNB बैंक खाता: 31 अगस्त से पहले करवा लें यह जरूरी काम
- PPF में निवेश की सीमा बढ़ी: अब बनिए करोड़पति
- SBI का नया नियम: जमा राशि पर भी होगा चार्ज कटौती
- SBI की विशेष FD स्कीम: 5 लाख का निवेश, 10 लाख का फंड
- Suzlon Energy के निवेशको के लिए बड़ा अपडेट
- Yatharth Hospital IPO: निवेशकों के लिए सुनहरा मौका
- आप कैसी खबरे पढना चाहते है?
- ईपीएफओ का बड़ा अपडेट: कर्मचारियों को मिलेगी ज्यादा पेंशन
- किसान कर्ज माफी 2023: नई लिस्ट में अपना नाम चेक करें
- किसानों के लिए नई फसल बीमा सूची: 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर
- केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी: जानें नए नियम
- टाटा नैनो इलेक्ट्रिक: टेस्ला को असली टक्कर!
- पैन कार्ड: नए नियम और अपडेट की जरूरत
- पोस्ट ऑफिस की धाकड़ स्कीम: 1,000 रुपये महीना जमा करें, पाएं छप्परफाड़ रकम
- बैंक ऑफ बड़ौदा: 50 हजार रुपए तक का तोहफा!
- बैंकों में कैश रखने की नई लिमिट!
- मिला 590 करोड़ का ऑर्डर, स्टॉक बना राकेट
- राजस्थान में 12वीं पास के लिए बंपर वैकेंसी
Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके प्रॉफिट (Profit) और लोस (Loss) के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले
Important Information: Important Information: हम किसी भी तरह की Paid Tips या Advise नहीं देते हैं, साथ ही हम किसी भी स्टॉक को खरीदने की सलाह भी नहीं देते बड़े पब्लिकेशन के द्वारा दी गई जानकारी को हमारे द्वारा पुन अधिक जानकारी के साथ प्रकाशित करते हैं। हम किसी भी तरह की भ्रामक सूचना भी साझा नहीं करते हैं। ध्यान दें कि हम किसी भी प्रकार की Tips और Advise किसी शेयर को खरीदने के लिए हमारे किसी भी प्लेटफार्म जैसे WhatsApp Group, Telegram Group, YouTube पर भी साझा नहीं करते हैं
हमारी टीम से बात करने के लिए मेल करे info.avsvishal@gmail.com
The best
Very beautiful ❤️